मैं याद रखूंगी

मैं याद रखूंगी के कब कब तुमने मेरा कहा ठुकरा कर मुझे अपमानित कर अपना और अपने घरवालों का मान बढ़ाया

मैं याद रखूंगी जिस गीता की खातिर घर में हजार पाबंदियां लगाई, तुम प्याज नही खाओगी, तुम भगवान को ऐसे पूजोगी, तुम साड़ी पहनोगी, तुम सुबह कड़ाके की ठंड nei नहाकर ही खाना बना सकती हो , तुम सिगरेट शराब मांस खाने वाले के यहां नौकरी भी नही कर सकती क्युकी यह तुम्हारे भगवान को प्रिय नही मगर तुमने कैसे एक चरित्रहीन ओरत को , 

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